BAGLAMUKHI SADHNA FUNDAMENTALS EXPLAINED

baglamukhi sadhna Fundamentals Explained

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उक्त’ कवच’ का पाठ कर अभिमन्त्रित ‘मक्खन’ पत्नी को खिलाने से विद्यावान्, स्वस्थ पुत्र की

९. ॐ ह्लीं श्रीं लृं श्रीअकल्मषायै नमः-दक्ष-गण्डे (कनपटी-सहित दाएँ गाल में)

सत्ये काली च श्रीविद्या, कमला भुवनेश्वरी ।

श्रीनित्ये बगलामुखि! प्रतिदिनं कल्याणि! तुभ्यं नमः।।

पीताम्बर-धरां देवीं द्वि-सहस्त्र-भुजान्विताम । सान्द्र-जिव्हां गदा चास्त्रं, धारयन्तीं शिवां भजे । ।

बिम्बोष्ठीं चारु-वदनां, सम-पीन-पयोधराम् ।

सौवर्णासन-संस्थितां , त्रि-नयनां पीतांशुकोल्लासिनीम् ।

युवतीं च मदोन्मत्तां, पीताम्बरा-धरां शिवाम् । पीत-भूषण-भूषाङ्गीं, सम-पीन-पयोधराम्॥

३. श्रीजम्भिन्यै नमः दुष्टों या दुवृत्तियों को कुतर-कुतर कर टुकड़े करनेवाली को नमस्कार

विनियोग- ॐ अस्य श्रीबगला-गायत्री-मन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषिः , गायत्री छन्दः, श्रीचिन्मयी शक्ति-रूपिणी-ब्रह्मास्त्र-बगला देवता, ॐ बीजं, website ह्लीं शक्ति:, विद्महे कीलकं, श्रीब्रह्मास्त्र- बगलाम्बा-प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ।

भगवती बगला के अनेक ‘ ध्यान’ मिलते हैं। ‘तन्त्रों’ में विशेष कार्यों के लिए विशेष प्रकार के ‘ध्यानों’ का वर्णन हुआ है। यहाँ कुछ ध्यानों का एक संग्रह दिया जा रहा है। आशा है कि बगलोपासकों के लिए यह संग्रह विशेष उपयोगी सिद्ध होगा, वे इसे कण्ठस्थ अर्थात् याद करके विशेष अनुभूतियों को प्राप्त करेंगे। चतुर्भुजी बगला

इत्यष्टौ शक्तयः पान्तु, सायुधाश्च स-वाहना: । राज-द्वारे महा-दुर्ग, पातु मां गण-नायक: ।।१५

४. श्रीचलायै नमः ऐश्वर्यत्व की देवी ‘चला’-लक्ष्मी को नमस्कार।

माहेशी दक्षिणे पातु, चामुण्डा राक्षसेऽवतु । कौमारी पश्चिमे पातु, वायव्ये चापराजिता ।।१३

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